Wednesday, June 4, 2008

माया मेहरबान..तो गरीबों के नसीब में भी मकान

शहरी गरीबों पर मेहरबान माया सरकार ने हर साल एक लाख मकान बनाने का फैसला किया है।
कांशीराम शहरी समग्र विकास योजना के तहत बनाए जाने वाले यह मकान प्रदेश के सभी 71 जिलों में बनाए जाएंगे। छोटी आबादी वाले जिलों में इसी साल एक हजार और बड़े जिलों में 1500 मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

इस योजना के तहत बनने वाले मकानों की निगरानी का जिम्मा जिलाधिकारियों को सौंपा गया है। मुख्यमंत्री मायावती ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि सरकार द्वारा शहरी गरीबों को दो कमरे के पक्के मकान, बिजली ,शौचालय , पेयजल व सड़क की सुविधाओं सहित उपलब्ध कराए जांएगे। उपरोक्त मकानों की कीमत शहरी गरीबों की जेब को ध्यान में निर्धारित की जाएगी। गौरतलब है कि अपने जन्मदिन के अवसर पर इसी साल जनवरी में मायावती ने कांशीराम शहरी समग्र योजना के तहत आवास विकास परिषद के बनाए 15 मकानों की चाभी गरीब परिवारों को सौंप इस परियोजना की शुरुआत कर दी थी।

इन मकानों की लागत 1.5 लाख रुपए रखी गयी थी। उम्मीद की जा रही है कि अब सरकार द्वारा बनाए जा रहे मकान भी शहरी गरीबों को 2 लाख से कम कीमत में ही दिये जाएंगे। मायावती के अनुसार 5 साल में इस योजना के तहत बनने वाले 5 लाख मकानों में निराश्रित विधवा,विकलांगों और गरीबी की रेखा से नीचे जी रहें परिवारों को आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। मायावती सरकार ने गेस्ट हाउस कांड के बाद पहली बार 3 जून को सत्ता संभालने की 13 वीं वर्षगांठ पर यह घोषणा की। साथ ही मुख्यमंत्री ने जेलों में अरसे से बंद विकलांगों,बूढ़ों और महिलाओं को सरकार की ओर से, मुफ्त कानूनी सहायता देने का भी ऐलान किया है।

शहरी गरीबों के लिए कम कीमत के हर साल बनेंगे एक लाख मकानये मकान प्रदेश के सभी 71 जिलों में बनाए जाएंगे

बिजली, शौचालय, पेयजल सुविधा और होंगे दो कमरें मकानों की कीमत 2 लाख रुपये से कम होगी

विधवाओं,विकलांगों और गरीबी रेखा से नीचे वालों को आवंटन में प्राथमिकता

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